Monday, February 2, 2009

मौत ही मीत है

आज सफ़र में हम सफर मिला,
जीवन का सपना सफल हुआ।
वादा निभाओं तुम मुझसे,
यूँ मझधार में छोड़गो मुझको।।

मौत ही मीत है,
तुम ही मेंरे गीत हो।
गीत के हर बोल में,
तुम ही दिल जीत हो।।

जीत हो या हार हो,
प्यार में सिर्फ इकरार हो।
तकरार भी तो,
मौत से मेरी हार हो।।

Tuesday, January 27, 2009

आतंकवाद


आतंक के साये में,
सोते हम रहते है।
जब वे हमले करते है,
तब हम रोते रहते है।।

हर बरस ऐसे हमलो से,
अपना देश है जूझता।
"खुदा" के नाम पर,
हर कोई लूटता है।।

लूट गया किसी का बेटा,
लूट गया किसी का भाई।
हर क्षण लूटता इस देश में,
किसी न किसी का सुहाग।।

जब हमले होते है,
तब हम सोते रहते है।
कोसते सरकारो को,
तब पर भी हम कुछ न करते।।

ऐसा क्‍यो होता है?
मजहब के नाम पर।
अपनो की हत्‍या होती है,
पर हमको गम भी न होती है।।

कितना निदर्यी बन गया है मानुस?
जो निर्मम बन जाता है।
इस घरती पर मानव रूप रख,
जो दानव बन जाता है।।

Saturday, January 24, 2009

आपकी बात

मेरी पिछली कविता पर मेरे पाठको की काफी मिली जुली प्रतिक्रियाऍं मिली, मुझे नही पता था कि ये कविता मेरे पाठको को व्यथित कर देगी। मैने वही लिखने का प्रयास किया जो सच्चाई में देखा आज के दौर में मै यही देख रही हूँ।

कविता में पाठको के मत से कभी कभी घोर विरोध कर का भी सामना करना पड़ता है और मै करूँगी। कलम कभी किसी की गुलाम न हुई है न होगी। कभी कोई विरोध करता है तो कभी कोई सराहना भी। 

मुझे एक पाठक का ईमेल आया था उसे मै बिना नाम का उल्लेख किये शेयर करना चाहूँगी- 

mana ki ye aapki nayi kavita hai but dear frnd ek baat kahenge aapse ki pyaar aur jishm se khelna dono aag alag bate hoti hai ....pyaar pooja hoti hai aur shareer se khelna hawas .......maf karna hume aapki ye baat pasand nahi aayi yaar jo log jishm chahte hai unme ladkiyan bhi to hoti hai ladki bhi to chahti hai ki koi ussse s.....kare .....
pyaar ty yaar pooja hoti hai ....jise aatma se kiya jata hai .....pyaar aur sex ko ek saath use na kijiye ......
hi shayad aapko meri ye baat buri lage yaar koi bhi kabhim bhi kisi ke shareer se nahi khelta .........jab tak dono raazi na ho ......taali dono haath se bajti hai ....ek haath se nahi ...mujhe aapka reply chahiye

Wednesday, January 21, 2009

प्‍यार के नाम पर कोई और शरीर से खेलोगे

आरजूँ जो किया जो तुमसे,
जो प्‍यार न मिला तुमसे।
चाहतों के दरमियान तुम,
किसी और से छिप-छिप कर मिलते।।

हमारे प्‍यार में क्‍या कमी थी,
बस 'प्‍यार' को 'काम' न बनने दिया।
इस कलयुगी दुनिया में,
बस अपना दामन ही न लुटने दिया।।

प्‍यार का परिणाम तुम्‍हारे लिये,
सिर्फ कामवासना है तो।
मनती हूँ कि मैने ही,
अपने प्‍यार को चुनने में गलत किया।

यदि शारीरिक सम्‍बन्‍धों को ही,
तुम प्‍यार को कहते हो।
तो तुम प्‍यार के दुनिया के,
साक्षर अनपढ़ हो।।

प्‍यार देने का नाम है,
लेने का नही।
प्‍यार सर्मपण है
प्‍यार भोग नही।।

अच्‍छा हुआ कि हमरा साथ इतने का था,
मै अलग हूँ तुम अलग हो।
किन्‍तु दुख इस बात का है कि,
प्‍यार के नाम पर कोई और शरीर से खेलोगे।।

Wednesday, December 24, 2008

पता नही क्‍यो ?

आज बहुत दिनो बाद,
तुम्‍हारी याद आई।
पता नही क्‍यो ?
अब तक तुम क्‍यो नही आये ?

तुम्‍हे मै दिल में रखती थी,
चाहती थी कि तुम रहो पास।
पता नही क्‍यो ?
तुम क्‍यो दूर चले गये ?

याद तो मै तुम्‍हे,
यूँ तो रोज करती थी।
पता नही क्‍यो ?
तुम ऐसे क्‍यो नही याद आये ?

नया साल आने को,
पर तुम क्‍यो नही आये ?
जो चोट दिये मेरे दिल,
कि चाह कर भी आँसू नही आये।।

अब दर्द मत दो,
अब सहन करने की साहस नही।
अब तो लौट आओं,
अब तो लौट आओं।।

Friday, September 5, 2008

मोहब्‍बत का नाम लोगे तो तहलका होगा

आरकुट पर हमारे मित्र रवि जी हमें तुकबंदी करने की इच्‍छा जाहिर की, तो हाजिर है हमारी तुकबंदी:-

मोहब्‍बत का नाम लोगे तो तहलका होगा,
दोबारा मिले तो अब रण होगा।।
हुँकार भरेगी नारी शक्ति,
तेरे जैसो का अब वध होगा।।

"Dikha kar khawaab in aankhon ko, De gaye aansoon in mein Tum..
Kaise chalka doo yeh aansoon, In mein bhi To rehTe ho Tum.."


छेड़ना छोड दो हमको,
नही तो मुँह तोड़ जवाब मिलेगा।
अब अगर चूँ तक की तो,
सिर पर पड़ रहे चप्‍पलो का एहसास होगा।।

Jaise taise karke sammelan khatam hua..
Ek aadh beech mein kuch acha bhi tha..
EK baar ja ke ismein nishchay kar liya hai..
Phir kisi sammelan mein jaana na tha..


अभी मै जा रही हूँ, तेरे साथ अभी बात बाकी है।
सघर्ष रहेगा जारी, तू नही मानेगा हारी।।
मेरे जाने का यह अर्थ नही की मै हार गई,
वक्‍त का तकाजा है, वक्त हमारे पास नही।।
आपसे तुक बंदी काफी अच्‍छी लगी, फिर बात होगी।

inshaahallaah jaldi mulakaat hogi
SAT sri akal ,aadaab and JAI HIND!!!!!!!!!!!

Sunday, August 24, 2008

कन्‍हैया लाल जी


नंद के घर पैदा हुये,
कन्हौया लाल जी।
यशोदा को आनंद दियों,
कन्हैया लाल जी।।

धरती के पाप हरो,
कन्हैया लाल जी।
भक्ति के भाव रच्यों,
कन्हैया लाल जी।

गोपियन से रास रच्यो,
कन्हैया लाल जी।
ग्वालन के सखा भयो,
कन्हैया लाल जी।।

पूतना के पूत भयो,
कन्हैया लाल जी।
मामा के पाप हर्यो,
कन्हैया लाल जी।

महाभारत के नीव रख्यो,
कन्हैया लाल जी,
पांडव का साथ दियो,
कन्हैया लाल जी।।

दौपदी के लाज रख्यो,
कन्हैया लाल जी।
शिशु पाल का वध कियो,
कन्हैया लाल जी।।

गीता का पाठ कियो,
कन्हैया लाल जी।
अर्जुन का मोह हटायो,
कन्हैया लाल जी।।

पाड़व की जीत रच्यो,
कन्हैया लाल जी।
मानव का उद्धान कियो,
कन्हैया लाल जी।।