आज बहुत दिनो बाद,
तुम्हारी याद आई।
पता नही क्यो ?
अब तक तुम क्यो नही आये ?
तुम्हे मै दिल में रखती थी,
चाहती थी कि तुम रहो पास।
पता नही क्यो ?
तुम क्यो दूर चले गये ?
याद तो मै तुम्हे,
यूँ तो रोज करती थी।
पता नही क्यो ?
तुम ऐसे क्यो नही याद आये ?
नया साल आने को,
पर तुम क्यो नही आये ?
जो चोट दिये मेरे दिल,
कि चाह कर भी आँसू नही आये।।
अब दर्द मत दो,
अब सहन करने की साहस नही।
अब तो लौट आओं,
अब तो लौट आओं।।
तुम्हारी याद आई।
पता नही क्यो ?
अब तक तुम क्यो नही आये ?
तुम्हे मै दिल में रखती थी,
चाहती थी कि तुम रहो पास।
पता नही क्यो ?
तुम क्यो दूर चले गये ?
याद तो मै तुम्हे,
यूँ तो रोज करती थी।
पता नही क्यो ?
तुम ऐसे क्यो नही याद आये ?
नया साल आने को,
पर तुम क्यो नही आये ?
जो चोट दिये मेरे दिल,
कि चाह कर भी आँसू नही आये।।
अब दर्द मत दो,
अब सहन करने की साहस नही।
अब तो लौट आओं,
अब तो लौट आओं।।