Sunday, August 24, 2008

कन्‍हैया लाल जी


नंद के घर पैदा हुये,
कन्हौया लाल जी।
यशोदा को आनंद दियों,
कन्हैया लाल जी।।

धरती के पाप हरो,
कन्हैया लाल जी।
भक्ति के भाव रच्यों,
कन्हैया लाल जी।

गोपियन से रास रच्यो,
कन्हैया लाल जी।
ग्वालन के सखा भयो,
कन्हैया लाल जी।।

पूतना के पूत भयो,
कन्हैया लाल जी।
मामा के पाप हर्यो,
कन्हैया लाल जी।

महाभारत के नीव रख्यो,
कन्हैया लाल जी,
पांडव का साथ दियो,
कन्हैया लाल जी।।

दौपदी के लाज रख्यो,
कन्हैया लाल जी।
शिशु पाल का वध कियो,
कन्हैया लाल जी।।

गीता का पाठ कियो,
कन्हैया लाल जी।
अर्जुन का मोह हटायो,
कन्हैया लाल जी।।

पाड़व की जीत रच्यो,
कन्हैया लाल जी।
मानव का उद्धान कियो,
कन्हैया लाल जी।।