किसी मोड़ पर रूबरू होने पर,
पहचान धीरे धीरे होती है।
गर दोस्ती का सफर चलता रहा तो,
बातों का कारवाँ चलता रहेगा।
किसी मोड़ पर मिलेगे,
हम अजनबी होकर।
जब तुम बातें करोगें हमसें,
समझोगे अपना बनकर।।
गर दोस्ती का सफर चलता रहा तो,
बातों का कारवाँ चलता रहेगा।
किसी मोड़ पर मिलेगे,
हम अजनबी होकर।
जब तुम बातें करोगें हमसें,
समझोगे अपना बनकर।।