Monday, July 28, 2008

दिल की बात

किसी मोड़ पर रूबरू होने पर,
पहचान धीरे धीरे होती है।
गर दोस्‍ती का सफर चलता रहा तो,
बातों का कारवाँ चलता रहेगा।

किसी मोड़ पर मिलेगे,
हम अजनबी होकर।
जब तुम बातें करोगें हमसें,
समझोगे अपना बनकर।।

Saturday, July 26, 2008

प्रियतम प्रियतमा संवाद

प्रियतमा प्रियतम से-
प्रियतम के प्‍यार में दिवानी होने का,
मतलब ही कुछ और होता है।
जुल्‍मों सितम की हर को तोड़ कर,
प्‍यार का एहसास कुछ और होता है।।

प्रियतम प्रियतमा से-
दिल को छूती है तेरी मादकता,
एहसास दिलाती है सुन्‍दरता।
ओठों की तेरी लाली,
दिलवाती है मुझको गाली।।