Wednesday, December 24, 2008

पता नही क्‍यो ?

आज बहुत दिनो बाद,
तुम्‍हारी याद आई।
पता नही क्‍यो ?
अब तक तुम क्‍यो नही आये ?

तुम्‍हे मै दिल में रखती थी,
चाहती थी कि तुम रहो पास।
पता नही क्‍यो ?
तुम क्‍यो दूर चले गये ?

याद तो मै तुम्‍हे,
यूँ तो रोज करती थी।
पता नही क्‍यो ?
तुम ऐसे क्‍यो नही याद आये ?

नया साल आने को,
पर तुम क्‍यो नही आये ?
जो चोट दिये मेरे दिल,
कि चाह कर भी आँसू नही आये।।

अब दर्द मत दो,
अब सहन करने की साहस नही।
अब तो लौट आओं,
अब तो लौट आओं।।

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